भारतीय जनसंख्या का अधिकांश भाग अभी भी कृषि में कार्यरत है और इसलिए भारत सरकार कृषि क्षेत्र के संकट के बारे में चिंतित है।
सरकार ने विपणन सुविधाओं के एक विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से कृषि सुधार के प्रयास शुरू कर दिऐ है, सहकारी संगठनों से इस लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
कृषि मंत्री शरद पवार ने हाल ही में संसद को सूचित किया कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र के संकटको हल करने की पूरी कोशिश करेगी और मॉडल एपीएमसी अधिनियम इस दिशा में एक कदम है, पवार के अनुसार कृषि क्षेत्र को पटरी पर लाने कि हर संभव कोशिश की जाएगी।
मॉडल विधेयक के जरिए सहकारी क्षेत्र के माध्यम से किसानों से कृषि उत्पादों के विपणन और खरीद सुविधा प्रदान की जाएगी ताकि बेईमान बिचौलियों से निजात पाया जा सके।
यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि एक दर्जन से अधिक राज्य पहले से ही अपने अधिनियमों में संशोधन किया है । समय के क्रम मे राज्य भी अपने अधिनियम मे संशोधन कर लेंगे।