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गुजरात यूसीबी के साथ सब कुछ अच्छा नहीं है

गुजरात के कई शहरी सहकारी बैंकों पर भारतीय रिजर्व बैंक की नजर है, माधवपुरा मर्केंटाइल बैंक के बारे में सबको पता है कि रिजर्व बैंक ने क्या किया है,  भारतीय रिजर्व बैंक शहरी सहकारी बैंकों को उसके मानदंडों का पालन नहीं करने पर दंडित करने को हर वक्त तैयार रहता है।

अहमदाबाद की सिद्धि सहकारी बैंक को प्रतिभूति लेनदेन रिपोर्ट (STRs) की रिपोर्टिंग में अत्यधिक देरी के कारण रिजर्व बैंक द्वारा दंडित किया गया ।

सुलेमानी सहकारी बैंक भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उसके निर्देशों के उल्लंघन के लिए रिजर्व बैंक द्वारा दंडित किया गया।

इससे पहले हरिज नागरिक सहकारी बैंक, पाटन को रिजर्व बैंक के बी.आर. की धारा 20A से संबंधित अधिनियम, 1949 और एंटी मनी लॉन्ड्रिंग दिशानिर्देश (एएमएल) के उल्लंघन का दोषी पाया गया था।

भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रत्येक बैंक के लिए एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब बैंकों को एक प्रश्न के लिखित उत्तर के रूप मे प्रस्तुत करना था और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किए गए बैंकों के जवाब पर विचार करने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक इस नतीजे पर पहुंचा कि उल्लंघन किया गया था और दंड के आरोपण कि पुष्टि की है।

इस बीच, माधवपुरा मर्केन्टाईल बैंक के  लाइसेंस को जब्त कर लिया गया था, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश को पालन करने पर ध्यान नही दिया था।

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