मित्रों,
“जब आप पूरे मनोयोग से अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं तो आपको और किसी सहारे की जरूरत नहीं है, लक्ष्य स्वयं आपको मंजिल तक पहुँचा देगा।”
स्टीव जॉब्स की यह प्रसिद्ध उक्ति हमारी उत्साहपूर्ण कार्यशैली की द्योतक है। भारतीय किसान के उज्जवल भविष्य का हमारा विजन ही हमें हर वर्ष आने वाली विभिन्न विघ्न-बाधाओं से जूझने की शक्ति प्रदान करता है। वित्तीय वर्ष 2011-12 के दौरान उर्वरक उद्योग में देश तथा विश्व स्तर पर भारी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद हमने विभिन्न क्षेत्रों यथा-उत्पादन, बिक्री, परिवहन, ऊर्जा की खपत तथा वित्त क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य किया है। आप जानते ही हैं कि गत वित्तीय वर्ष के दौरान डॉलर के मुकाबले रूपए के मूल्य में काफी गिरावट आई, जिससे हमारे उत्पादों के कच्चे माल की कीमतें बेतहाशा बढ़ गईं। इसके अलावा, कई अन्य चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा जैसे कि उर्वरक ब्राण्डों पर होने वाला घाटा, अर्थसहायता को वापिस ले लिया जाना (मौपिंग अप) आदि, इन सबके बावजूद हम अपनी प्रतिबद्धताओं पर अटल रहे। हमने हमारी विदेशी मुद्रा का बेहतर प्रबंधन किया और विभिन्न लागतों को इस हद तक रखा कि हमें अक्टूबर 2011 में अपने उर्वरकों के मूल्य नहीं बढ़ाने पड़े। यहाँ मैं यह अवश्य उल्लेख करना चाहूँगा कि इफको के निदेशक मंडल ने सर्वसम्मति से यह निर्णय किया कि उर्वरकों का मूल्य न बढ़ाया जाए हालांकि हमें इसकी वजह से बैलेंस शीट में अच्छी खासी राशि राइट-ऑफ करनी पड़ी है।
कहते हैं कि हर अंधेरी रात के बाद सुबह का उजाला अवश्य आता है। सभी चुनौतियों का सामना करते हुए हमारे संयंत्रों के उत्कृष्ट कार्यनिष्पादन ने प्रभात की स्वर्णिम किरण का काम किया। वर्ष 2011-12 के दौरान हमारी फूलपुर, आंवला तथा पारादीप इकाइयों ने अब तक का सर्वाधिक उत्पादन किया।
इफको ने कुल 84.42 लाख टन उर्वरकों का उत्पादन किया, जिसमें अब तक का सर्वाधिक 44.87 लाख टन यूरिया शामिल है। फूलपुर-2 इकाई ने 11.33 लाख टन यूरिया का उत्पादन किया जो अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है। आंवला-1 ने भी अब तक का सर्वाधिक 10.66 लाख टन यूरिया का उत्पादन किया। कलोल इकाई ने लगातार तीसरे वर्ष 6 लाख मी. टन यूरिया का उत्पादन किया। पारादीप इकाई ने भी अब तक का सर्वाधिक 18.41 लाख टन.एन.पी/डीएपी, 20.60 लाख टन सल्फ्यूरिक एसिड तथा 7.45 लाख टन फॉस्फोरिक एसिड का उत्पादन किया। इसने कांडला इकाई को 93 हजार मी. टन फॉस्फोरिक एसिड का अंतरण भी किया। कांडला इकाई ने 21.14 लाख टन एन पी / एन पी के / डी ए पी पानी में घुलनशील उर्वरकों का उत्पादन किया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011-12 के दौरान यूरिया संयंत्रों की कम्पोजिट विशिष्ट ऊर्जा खपत 5.825 जी कैल/मी. यूरिया रही।
गत वर्ष से हमारी कांडला इकाई ने जल-घुलनशील तथा जिंक सल्फेट उर्वरकों का उत्पादन आरम्भ किया है। कलोल और फूलपुर-1 में क्रमशः अप्रैल तथा अगस्त 2011 से नीम कोटिड यूरिया का उत्पादन शुरू किया गया।
हमारे विपणन प्रभाग ने भी अति उत्कृष्ट कार्य करते हुए भारी इवेन्ट्री के हालात में तथा प्रतिकूल परिस्थितियों में 121.85 लाख टन उर्वरकों की बिक्री कर के तथा देश भर में विभिन्न स्थानों पर 124 लाख टन उर्वरकों का प्रेषण करके अपनी श्रेष्ठता को सिद्ध कर दिखाया है। मैं अपनी सदस्य सहकारी समितियों और विशेष रूप से विपणन फैडरेशनों और सहकारी समितियों का तहे दिल से धन्यवाद करना चाहूंगा जो हमारे प्रतिस्पर्द्धियों द्वारा दी जा रही लुभावनी रियायतों के बावजूद हमारे साथ जुड़ी रहीं जिसके परिणामस्वरूप प्राइवेट सैक्टर पर सहकारिता की जीत हुई। यही कारण है कि हमने यह शानदार सफलता हासिल की।
मुझे यह सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि हमारा विशिष्ट अभियान “भूमि बचाओ अभियान” बहुत ही कारगर ढंग से कार्य कर रहा है। यह प्रयास उर्वरकों के संतुलित प्रयोग और भूमि के समग्र स्वास्थ्य को सुधारने के लिए किया जा रहा है। भूमि बचाओ अभियान का धीरे-धीरे विस्तार किया जाएगा। हमारे विपणन और फील्ड स्टॉफ द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों के साथ यह भी एक अति उललेखनीय अभियान है।
हमें आशा है कि हमारे वित्तीय वर्ष 2011-12 के दौरान हम 1000 करोड़ रुपये से अधिक का कर-पूर्व लाभ और 25,650 करोड़ का कुल कारोबार करेंगे। अति कुशल वित्तीय प्रबंधन और गतिशील हैजिंग रणनीतियों के कारण समिति वित्तीय उत्कृष्टता प्राप्त कर सकी।
समिति को उच्च शिखरों तक ले जाने में सभी विभागों के बीच टीम भावना से किए गए कार्य की भूमिका अति सराहनीय रही है। इफको परिवार के सभी सदस्यों द्वारा संपूर्ण समर्पण के कारण ही समिति को नई ऊंचाईयों तक ले जाया जा सका। दृढ़ निश्चय, समर्पण और काम से पीछे न हटने कि हमारी प्रवृत्तियों के कारण हमें विभिन्न संस्थाओं से पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुए है। फॉर्च्यून पत्रिका के भारतीय संस्करण में उर्वरक व कृषि रसायनों की श्रेणी में इफको को प्रथम स्थान तथा वर्ष 2011 में कुल 500 कंपनियों की रैंकिंग में 37वाँ स्थान दिया गया है। मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि टॉप 50 भारतीय कंपनियों में इफको ही अकेली सहकारी समिति है। इसके अलावा, इफको के आईटी, मानव संसाधन तथा तकनीकी विभागों को अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए है। हमारे सभी संयंत्रों को वर्ष 2011-12 के दौरान फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा अनेक सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए। हमें अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ औद्योगिक सुरक्षा व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। मैं यह विशेष रूप से उल्लेख करना चाहूँगा कि आई एफ एफ डी सी को ग्रामीण जीविका में सुधार लाने के क्षेत्र में “द टाइम्स ऑफ इंडिया सोशल इम्पैक्ट अवार्ड” प्राप्त हुआ है और आई.के.एस.एल को कृषि समुदाय के विकास हेतु किए गए अति विशिष्ट योगदान के लिए “कॉफे इंटरनेशनल अवार्ड” से सम्मानित किया गया है।
मुझे यह सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि हमारी सहायक संस्थाएँ और संयुक्त उद्यम बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं और हमें उनकी उपलब्धियों पर गर्व हैं।
हमारे लिए गर्व की बात है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2012 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। यह वर्ष हमें सहकारी समिति व किसानों की संस्था के रूप में अपने उच्च लक्ष्यों के बारे में स्मरण करवाएगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हमारी समिति सहकारी भावना के साथ किए जा रहे कॉर्पोरेट कार्यकलापों के साथ निरंतर आगे बढ़ती रहेगी और इफको अपने सभी कीर्तिमानों को पीछे छोड़ते हुए उर्वरक बाजार में विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्था का दर्जा प्राप्त करते हुए विश्व पटल पर अपनी पहचान स्थापित करेगी। इसी के साथ मैं अपने अध्यक्ष श्री एन पी पटेल, हमारे उपाध्यक्ष श्री बी एस नकई और इफको के निदेशक मंडल के सम्मानित सदस्यों के सहयोग की भी सराहना करता हूँ, जिन्होंने हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया व उत्कृष्ट नीतियों का निर्माण किया।
मैं भारत सरकार, विशेष रूप से उर्वरक विभाग, कृषि व सहकारिता मंत्रालय एवं पूरे विश्व में अपने सभी संयुक्त उद्यम भागीदारों और एसोसिएट्स तथा उनकी संबद्ध सरकारों से समय-समय पर मिले सहयोग के लिए भी धन्यवाद करता हूँ।
मैं भारतीय व अंतर्राष्ट्रीय मीडिया का भी आभार व्यक्त करता हूँ। इसके अतिरिक्त मैं इफको इम्पलाईज यूनियनों, आफिसर एसोसिएशनों और सभी कर्मचारियों, हमारे ठेकेदारों, आपूर्तिकर्ताओं और उनके कर्मचारियों से मिले सहयोग के लिए विशेष रूप से धन्यवाद करता हूँ।
सादर व शुभकामनाओं सहित।
उदय शंकर अवस्थी
(प्रबंध निदेशक, इफको)