NCUI अध्यक्ष डॉ. चन्द्रपाल सिंह यादव के खिलाफ उनके विरोधी उनको सत्ता से हटाने की मुहिम में सक्रिय हो गए है। अध्यक्ष के रुप में उनके चुनाव के खिलाफ जब से पंच का फैसला आया है यह लोग उनके खिलाफ लामबंद हो रहे है।
कुछ निर्देशकों ने नाम न छापने की शर्त पर भारतीय सहकारिता डॉट कॉम को बताया कि वर्तमान अध्यक्ष के शासन के खिलाफ एक तूफान NCUI के गलियारों में पनप रहा है ।
पाठकों को याद होगा कि हिमाचल प्रदेश के राजेंद्र शर्मा ने चन्द्रपाल सिंह को सरकार द्वारा नियुक्त पंच अदालत में उनकी अध्यक्षता को चुनौती दी थी। श्री चन्द्रपाल सिंह ने पंच के निर्णय के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी, जिसके लिए सुनवाई 18 अप्रैल को निर्धारित है।
कई निर्देशक जो हाशिये पर थे, अब सत्ता पर काबिज होना चाहते है, लेकिन वे खुले तौर पर ऐसा करने से बाज आ रहे है। उन्हें डर है कि कहीं वे अपने आंकलन में गलत ना साबित हो जाए।
श्री वी.पी. सिंह अध्यक्ष के समर्थन में बयान कर रहे हैं, एक वकील और शासकीय परिषद के एक सदस्य के रुप में श्री सिंह का कहना है कि वर्तमान अध्यक्ष के खिलाफ मामला बहुत कमजोर है और यह कोर्ट में निरस्त हो सकता है।
चंद्रपाल के विरोधी शासकीय परिषद की बैठक के स्थगन को उनकी कमजोरी मानते हैं।
नाम न छापने की शर्त पर भारतीय सहकारिता डॉट कॉम से बात करते हुए, संचालन परिषद के सदस्यों में से एक ने कहा कि बैठक की अगली तारीख 19 अप्रैल को है, जिसे जानबूझकर अदालत में सुनवाई के एक दिन पहले 18 अप्रैल को रखा गया है।
चन्द्रपाल न्यायालय से एक सकारात्मक फैसले के साथ बोर्ड का सामना करना चाहते है।
लेकिन अध्यक्ष के विरोधी NCUI उपविधि के उल्लंघन की बात कर रहे है, उनके मुताबिक तिमाही बैठकें नियम के अनुसार एकदम जरुरी है, जब भारतीय सहकारिता डॉट कॉम ने इस मुद्दे पर मुख्य कार्यकारी डॉ. दिनेश से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि ये सब तुच्छ मुद्दे है और बैठक की तिथि तुच्छ कारणों से बढ़ा दी गई है।