शहरी सहकारी बैंक के प्रतिनिधि के साथ भारतीय रिजर्व बैंक के एक महत्वपूर्ण परामर्श बैठक में, नेफकब के अध्यक्ष एच पाटिल ने ब्याज दर प्रणाली में लचीलेपन पर जोर दिया। उन्होंने सीआरआर में 50-75 कटौती और रेपो दर में 25-50 आधार अंकों की कटौती की वकालत की है।
नेफकब के अध्यक्ष एच पाटिल ने शहरी सहकारी बैंकों का नेतृत्व किया जबकि डिप्टी गवर्नर श्री गोकरकन ने आरबीआई के शीर्ष अधिकारियों के साथ शिरकत की।
एच पाटिल ने कहा कि कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी सकल घरेलू उत्पाद का 13.9% है और 58% लोग अभी भी कृषि पर निर्भर है। इसकी वजह से गरीब और अमीर की खाई लगातार बढ़ती जा रही है उन्होंने संतोष जताया कि इसके बावजूद मूल सुविधाओं का विस्तार हो रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक के नीति पूर्व परामर्श श्री गोकरकन, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर की अध्यक्षता में किया गया था। इसमें कई लोग मौजूद थे- डॉ. के सी चक्रवर्ती, श्री आनंद सिन्हा, संबंधित कार्यकारी निदेशक, कई CGMs कानूनी सलाहकार आदि।
पाटिल के अलावा बैंकिंग क्षेत्र से श्री अनस्कर अध्यक्ष, महाराष्ट्र स्टेट अर्बन बैंक संघ, बी. सुब्रमण्यम, एमडी, नेफ्सकब (राज्य सहकारी बैंकों की नेशनल फेडरेशन), मौजूद थे। पूर्व मुख्य कार्यकारी और वर्तमान में नेफकब के सलाहकार श्री जी कृष्णा भी विचार-विमर्श में मौजूद थे।
श्री अनस्कर, महाराष्ट्र शहरी सहकारी बैंक संघ के अध्यक्ष ने भारतीय रिजर्व बैंक को आग्रह किया कि सरकार से बातचीत कर, कॉपरेटिव बैंक के निर्देशकों को लोन नहीं देने संबंधी नियम में संशोधन होना चाहिए।
श्री सुब्रह्मण्यम, राज्य सहकारी बैंक राष्ट्रीय महासंघ के एमडी ने तत्काल प्रभाव से आयकर में छूट की माँग की। कॉपरेटिव बैंक के भविष्य के साथ ये एक खिलवाड़ है, उन्होंने कहा।