सरकार ओमान द्वारा बढ़ाई गई गैस की कीमत को स्वीकार करने के लिए तैयार लगती है,लेकिन भारतीय उर्वरक सहकारी समितियाँ मूल्य वृद्धि के खिलाफ है।
ओमान-भारत उर्वरक कंपनी,भारतीय उर्वरक कंपनी इफको और कृभको के साथ एक समझौते के तहत काम कर रही है। ये कम्पनियाँ भारत के लिए थोक में यूरिया की आपूर्ति करती है।
लेकिन ओमान-भारत ने हाल ही में गैस की कीमत बढ़ा दी है और वैश्विक बाजार में गैस की कीमत में वृद्धि को अपने इस निर्णय के लिए जिम्मेदार मानता है।
भारतीय उर्वरक हलकों में ओमान के इस निर्णय से काफी नाराजगी है और उनका मानना है कि इससे ओमान-भारत के बीच पंद्रह साल की अवधि वाले समझौते का उल्लंघन हुआ है।
हालांकि, रासायनिक मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि ओमान की बढ़ी हुई कीमत अंतर्राष्ट्रीय कीमत से न केवल नीचे है बल्कि किसी भी वैकल्पिक ईंधन के स्रोतों की तुलना में सस्ता भी हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार द्वारा जल्द ही इस मामले पर विचार होगा और इसका अनुमोदन कर दिया जाएगा। भारत सरकार की राय में इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ले जाने से कोई फायदा होने की संभावना नहीं है।