सूक्ष्म वित्त निकायों द्वारा गलत काम किए जा रहे है। इन पर स्वयं–सहायता समूहों और गरीब लोगों से अत्यधिक ब्याज लेने का आरोप है।
कई बार तो इन पर ऋण पर 50 प्रतिशत ब्याज लेने तक का आरोप लगा है।
इन रहस्योद्घाटनों से लोगों में नाराजगी है और अधिकारियों ने सूक्ष्म वित्त संस्थानों की गतिविधियों की जाँच शुरू कर दी है।
विशेष रूप से तमिलनाडु में एमएफआई संबंधित अवैध कार्यों की तमाम घटनाएँ देखी गई है।
अधिकारियों ने स्वयं सहायता समूहों को सहकारी और राष्ट्रीयकृत बैंकों से ऋण लेने की सलाह दी है ताकि वे बेईमान सूक्ष्म वित्त निकायों के चंगुल से बच सकें।