जब से भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक को दोबारा काम करने की इजाजत दी है तब से यह बैंक नए विचारों और योजनाओं के बारे में उत्साहित है।
एमएससीबी नए व्यापारिक क्षेत्रों में अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश करेगी।
उसे लगता है कि चीनी और कताई मिलों के लिए ही काम करना उसके लिए ठीक नही है क्योंकि उसे नई संभावनाओं की खोज करनी होगी।
एमएससीबी अब सूचना प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और इंजीनियरिंग, बुनियादी ढांचे और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विविधीकरण की प्रक्रिया शुरु करना चाहता है।
एमएससीबी अधिकारियों का कहना है कि भले ही बैंक काफी हद तक पारंपरिक व्यवसाय से अलग हो रहा है, लेकीन वह मत्स्य पालन, रेशम कीट पालन, फूलों की खेती और सहकारी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की मदद करना बंद नही करेगा।