केन्द्रीय सूचना आयोग ने फैसला दिया है कि भारतीय रिजर्व बैंक और देश में सहकारी बैंकों सहित अन्य बैंकों को किसी भी आधार पर अपनी रिपोर्ट को दिखाने से मना नहीं कर सकते हैं। आयोग के अनुसार वे सभी सूचना के अधिकार अधिनियम के अंदर आते है।
सीआईसी अपनी राय तब दी थी जब कानपुर की मर्केंटाइल बैंक से संबंधित एक मामला उसके सामने आया था। बैंक के एक शेयरधारक ने भारतीय रिजर्व बैंक तैयार की गई लेखापरीक्षा रिपोर्ट की प्रतियाँ चाही थी।
सीआईसी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक का अपनी रिपोर्ट के खुलासे से इनकार करने से लोकतंत्र और पारदर्शिता के बुनियादी सिद्धांतों का खंडन होता है।
लोग खुले तौर पर आरोप लगाते रहे है कि मर्केंटाइल सहकारी बैंक अनियमित गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र बन गया है, यही कारण है कि शीर्ष बैंक, बैंक की लेखापरीक्षा रिपोर्ट की है।