हाल ही में देश में दूध की कीमत में बड़ी वृद्धि हुई है,अधिकांश डेयरीयों ने कीमतें बढ़ा दी है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग मूल्य में वृद्धि और इसके असर की जांच करेगा, कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री ने संसद में यह घोषणा की।
मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाने जाने से देश में दूध की कीमतें स्थिर होगी।
पाठकों को याद होगा कि हाल के वर्षों में दूध की कीमतें डबल होने से उपभोक्ताओं के बीच निराशा बढ़ी है।
दूध उद्योग के सूत्रों का कहना है कि देश में मांग और आपूर्ति के बीच एक बड़ा अंतर है, देश में लगभग 12 करोड़ लीटर प्रतिवर्ष दूध का उत्पादन होता है जबकि दूध की मांग इससे कही अधिक है।
हालांकि, कुछ टिप्पणीकारों का कहना है कि अगर दूध और इसके उत्पाद महँगे होते रहेंगे तो मध्यम वर्ग के लोगों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या खड़ी हो सकती है।