आज गुरुवार को भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की शासी परिषद की बैठक है, एनसीयूआई द्वारा कई मुद्दों को उठाए जाने की संभावना है, जो कि लेखा परीक्षा उपनियमों में संशोधन से संबंधित हैं।
एनसीयूआई ने पहले एक संचालन पत्र परिषद के सदस्यों को कानूनों में परिवर्तन के बारे में सुझाव देने के लिए भेजा था।
पाठकों को याद होगा कि एनसीयूआई अध्यक्ष को अपने चुनाव को लेकर अदालत में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, सरकार नियुक्त पंच ने एनसीयूआई के लिए चुनाव निर्धारित किया है।
शासी परिषद के एक और सदस्य श्री मुदित वर्मा जो कि अध्यक्ष चन्द्रपाल सिंह के एक करीबी सहयोगी है, को भी अदालत का सामना करना पड़ रहा है।
एनसीयूआई मतदाता सूची में स्पष्ट निर्वाचन क्षेत्रों की कमी से लोगों में भ्रम पैदा होता है।
एनसीयूआई के नियम के अनुसार एक नामित सदस्य शीर्ष पद के लिए योग्य नहीं हो सकता। चन्द्रपाल जैसे कई लोग कृभको से नामित सदस्य है। लेकिन उनके वकील वी.पी. सिंह का कहना है कि चन्द्रपाल के खिलाफ मामला कमजोर है।
पंच के अदालत में सत्तारूढ़ अध्यक्ष के चुनाव के विरुद्ध की सुनवाई शुक्रवार को होना निर्धारित है।
इस पृष्ठभूमि में एनसीयूआई के जीसी बैठक में चुनाव परिणामों को अकाट्य बनाने के लिए कानूनों में परिवर्तन करने पर भी विचार हो सकता है।
लेकिन शासी परिषद के लिए अपनी शक्ति में कमी के प्रस्ताव पर मंत्रिस्तरीय हुक्म की अनदेखी करना खासा कठिन साबित हो सकता है।