महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक पर अपने हितधारकों से कुछ महत्वपूर्ण जानकारी छुपाने का आरोप लगाया जा रहा है।
लेखा परीक्षक की रिपोर्ट से कुछ महत्वपूर्ण पृष्ठ गायब बताए जा रहे है। यह बैंक की अनियमितताओं में लिप्त होने की अटकलों को जन्म देता है।
बैंक अपने हितधारकों के साथ जानकारी साझा करने के लिए मना कर रहे हैं।
बैंक पर पारदर्शिता के सिद्धांत नहीं मानने का आरोप है और उसके लापरवाह व्यवहार के कारण उसकी प्रतिष्ठा और खराब होती जा रही है।