उर्वरक मंत्रालय रेलवे परिवहन में भीड़ और माल भाड़ा सब्सिडी को कम करने के प्रयास में बंदरगाहों से उर्वरकों की आवाजाही पर दूरी सीमा निर्धारित कर दी है। दूसरे शब्दों में, कंपनियाँ उर्वरक को 1400 किमी. से आगे नहीं ले जा सकती है।
भारत में प्रतिवर्ष उर्वरक की छह से सात लाख टन का आयात किया जाता है। मंत्रालय के एक करीबी सूत्र ने कहा कि उर्वरक निर्माताओं और आयातकों को दूरी सीमा को मानना पड़ेगा और इस तरह वे कहीं भी उर्वरक को स्वतंत्रतापूर्वक नही ले जा सकते है।
मंत्रालय ने एक दर्जन से अधिक बंदरगाहों की पहचान की है जहाँ से उर्वरक ले जाया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है यह कदम प्रशंसनीय लक्ष्यों से प्रेरित है।