सहकारी बैंकों की वित्तीय संकट जिद्दी साबित हो रहा है। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के बाद, कई जिला सहकारी बैंक भी सरकारी मदद के बल पर संकट से उबरना चाहते है।
कम से कम आधा दर्जन जिला सहकारी बैंक गंभीर वित्तीय कठिनाइयों में हैं और उन्हें ताजा जमा स्वीकार करने से रोक दिया गया है।
हर्षवर्धन पाटिल, सहकारिता मंत्री के अनुसार संकट ग्रस्त बैंकों का निकट भविष्य में, नाबार्ड द्वारा निरीक्षण किया जाना है और अगर उनकी स्थिति अच्छी पाई गई तो वे अपने बैंकिंग लाइसेंस प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
जानकार सूत्रों का मानना है कि छह जिला सहकारी बैंकों में से कम से कम दो की हालत इतनी खराब है कि उनको बचाना असंभव है।