प्रिय महोदय,
मैं और मेरे सारे परिवार के सदस्य श्री दभोई सिंध सहकारी ऋण समिति, दाभोल (जिला – बड़ौदा, गुजरात) में नियमित पैसा जमा कर रहे थे। 2006 के बाद से यह सोसायटी ठीक से काम नहीं कर रही है। हम नियमित अंतराल पर अपने एफडी को नवीनीकृत करते है। प्रबंधक के मुताबिक, वह वापस 5 लाख की राशि देने के लिए सक्षम नहीं है क्योंकि वह बॉब-सूरत बैंक को पैसा नहीं दिया है और अब वे लोग पैसा वापस तक नहीं कर रहे है।
मैंने डेढ़ साल पहले इस बारे में लिखित शिकायत नर्मदा भुवन जिला पंजीयक वडोदरा को दी थी। उन्होंने भी सोसायटी को नोटिस जारी किया, लेकिन समिति के सदस्यों ने इसकी परवाह नहीं की।
मैं निराश होकर पिछले सप्ताह रजिस्ट्रार के पास गया था, लेकिन उन्होंने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। क्या, अपनी मेहनत के पैसे वापस प्राप्त करने के लिए “ग्राहक सुरक्षा” के दृष्टिकोण से कोई योजना है।
मेरी जानकारी में सहकारी ऋण समिति के अनुसार हर साल अपने खाते का ऑडिट करना चाहिए। लेकिन वर्ष 2006 से इस समिति ने ऐसा करने की परवाह नहीं की है।
1) क्या आप मुझे मार्गदर्शन कर सकते हैं कि मेरा पैसा वापस किस तरह से आ सकता है “ग्राहक
सुरक्षा” या “नामांकित की बोर्ड” के जरिए?
2) क्या जिला रजिस्ट्रार के पास मेरी मदद करने के लिए पर्याप्त शक्ति है?
आईसी नाईक:
यह एक उच्च जोखिम निवेश है। यहां तक कि एक सहकारी बैंक में जमा 1,00,000 रुपये से अधिक राशि भी जोखिम से परे नही है।
आपने पहले से ही विभिन्न कदम उठाए हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है रजिस्ट्रार के माध्यम से सहकारी न्यायालय के सामने इसे उठाना है।
रजिस्ट्रार ने विवाद का संज्ञान लिया है, इसलिए अब कोर्ट जाना आसान है क्योंकि इसके लिए रजिस्ट्रार से ही क्लियरेंस की जरुरत होती है।