वडोदरा जिला दुग्ध उत्पादन सहकारी संघ ने हाल ही में गुजरात हाई कोर्ट में आनंद के कलेक्टर को निर्देशित करने के लिए जीसीएमएमएफ के अध्यक्ष पद के लिए तत्काल चुनाव कराने संबंधी याचिका दायर की थी।
अदालत ने कलेक्टर से कहा है कि चुनावों की घोषणा करके दो सप्ताह के भीतर चुनाव प्रक्रिया को पूरा करें।
उल्लेखनीय है कि जीसीएमएमएफ अध्यक्ष का कार्यकाल जून में ही समाप्त हो गया था, लेकिन आनंद के कलेक्टर ने चुनावों की घोषणा में देरी की। इस देरी से गुजरात में सहकारी हलकों में अटकलों का बाजार गर्म है।
पार्थी भतोल, वर्तमान अध्यक्ष का कार्यकाल हंगामेदार रहा था। विपुल चौधरी राम सिंह परमार के साथ मिलकर हमेशा भतोल को परेशानी में डाले रखना। हालांकि अंतिम कुछ वर्ष उनके ठीक ठाक रहे।
भतोल चुनाव लड़ेंगे या नहीं यह स्पष्ट नही है अभी उन्होंने अपने पत्ते खोले नही है, वह इस पद के लिए लालची नही दिखना चाहते है, विशेष रूप से मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने।
नरेंद्र मोदी ने पिछली बार उन्हें एक साधारण आदमी के रूप में देखा था, लेकिन बाद में चीजें बदली है। उनके विरोधियों ने उनके खिलाफ आरोप लगाए है जो स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों में सुर्खियों में रहे है।
भतोल, भारतीय सहकारी में भ्रष्टाचार के खिलाफ चुनाव लड़ा था और बनास में तेजी से विकास दर को उन्होंने अपनी काबिलियत के सबूत के रुप में पेश किया था, लेकिन बनास डेयरी किसी ना किसी रुप में उनके भविष्य को जरुर प्रभावित करनेवाला है।
विपुल चौधरी, दूधसागर के अध्यक्ष एक और प्रबल उम्मीदवार है। वह भी भाजपा के है और उनके पार्टी से लंबे संबंध रहे है। इस मामले में किस तरह पार्टी उच्च कमान सोचता है यह अटकल का विषय बना हुआ है। इस पृष्ठभूमि में कोर्ट के फैसले पर राजनीति का होना निश्चित है।
अभियान में एक बार चुनाव के तारीख की घोषणा की है। जीसीएमएमएफ 16 मतदाता है, उनमें से 15 डेयरी सहकारी समितियों से संबंधित है और एक वोट गुजरात सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के अंतर्गत आता है। पिछले चुनाव में 13 वोट थे, लेकिन दो से अधिक सहकारी महासंघ वोट करने के लिए शामिल हो गए हैं।
जीसीएमएमएफ की अध्यक्षता के लिए चुनाव लड़ रहे लोग चार सदस्यों पर नजर रखे हुए हैं। वे पक्षों को आसानी से बदल सकता है। इसमें जेठा पटेल सूरत डेयरी, सबरकथा डेयरी, गांधी नगर डेयरी और सुरेन्द्र नगर डेयरी बाबा परमार के शंकर सिंह राणा की मनु पटेल शामिल हैं।