एक सहकारी आवासीय सोसायटी को वर्ष 1995 में मोदी ज़ीरॉक्स एंपलॉय कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड के नाम से पंजीकृत किया गया था।
भूमि को खरीदकर, विकसित कर प्लाट्स लाभार्थियों को बेचा गया। भूखंडों के अधिकांश भाग उन लोगों को बेच दिए गए जिन लोगों के एक से अधिक घर है या जो भविष्य में किसी भी तरह से घर का निर्माण करने के लिए तैयार नहीं हैं।
सोसायटी के अध्यक्ष और उनके सचिव के साथ मनोनीत सदस्य अब तक यह काम करने में कामयाब रहे । सोसायटी के विकास के लिए एक बड़ी राशि उपलब्ध थी। इसके बाद अध्यक्ष और सचिव अचानक कहीं चले गए। अब वे कहते हैं कि सोसायटी के पास कोई उपलब्ध फंड नही बचा है।
क्या, सदस्य चुनाव/ नामांकन प्रक्रिया से नई समिति का गठन करके रजिस्ट्रार को सूचित कर सकते है?
जिन व्यक्तियों ने सोसायटी के फंड को हजम किया है उनके खिलाफ शिकायत कहाँ की जा सकती है?
वर्तमान सचिव सभी तथ्यों को छुपाकर पिछले अध्यक्ष और सचिव की रक्षा कर रहे है। वर्तमान सचिव के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती हैं जिसके पास सभी दस्तावेज और फंड है?
सादर,
समन्वय समिति के सदस्य
मोदी ज़ीरॉक्स एंपलॉय हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
आई सी नाईक
ऐसी घटनाएँ अधिकांश सहकारी समितियों के विकास में बाधा डालती है। एक तरफ हर सहकारी समिति में कुछ अति सक्रिय सदस्य नुकसान का कारण हैं, वहीं बड़ी संख्या मे सदस्य पूरी तरह से उदासीन होते है।
यह केवल सोसायटी के हितों के लिए नहीं बल्कि सभी सदस्यों के हितों के लिए भी बुरा संकेत है।
अब आप लोगों को 1/5वें सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन पंजीयन प्राधिकरण को देना चाहिए और उस से एक असाधारण आम सभा की बैठक का आयोजन करने का अनुरोध करना चाहिए। इसके साथ ही सचिव के विरुद्ध एक विशेष ऑडिट/ जांच के माध्यम से सोसायटी के कामकाज की समीक्षा के लिए अनुरोध करना चाहिए।
कार्रवाई करने से पहले एक विश्वसनीय दस्तावेजी सबूत इस प्रक्रिया के माध्यम से इकट्ठा करने चाहिए। एक बार लेखा परीक्षा/ जांच की रिपोर्ट आपके हाथ में हो तो सब कुछ किया जा सकता है।
अगर सचिव माँग पर कार्य नहीं करता है, तो यह मामला पंजीयन प्राधिकरण को सुपुर्द कर देना चाहिए।