आणंद जिले के निर्वाचन अधिकारी और डिप्टी कलेक्टर एन डी मिस्त्री ने बुधवार को गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के चुनाव की घोषणा कर दी। चुनाव की तारीख 18 अगस्त को निर्धारित की गई है।
कलेक्टर ने बताया कि नामांकन उसी दिन दायर किया जाएगा और मतदान 11 बजे से शुरू होगा। चुनाव की तारीख एक बड़ा मुद्दा बन गया था जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की गई थी।
20 जुलाई को उच्च न्यायालय ने कलेक्टर को एक महीने के भीतर चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने का आदेश दिया था। आणंद जिले के डिप्टी कलेक्टर एन डी मिस्त्री ने प्रसिद्ध ब्रांड अमूल के चुनाव की तारीख की घोषणा उच्च न्यायालय द्वारा तय समय सीमा को ध्यान में रखकर ही की है।
चुनाव में देरी होने का कारण नवंबर में होने वाले चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा की जा रही राजनीति को जिम्मेदार ठहराया गया है।
जीसीएमएमएफ में 16 दूध यूनियन शामिल हैं और इनके अधिकांश अध्यक्ष का संबंध भाजपा सरकार से है जिसके कारण वह स्पष्ट बहुमत में है।
लेकिन भाजपा के भीतर भी भयंकर लड़ाई है जो चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ और खराब होती जाएगी।
वर्तमान अध्यक्ष पार्थी पटेल मोदी के पुराने वफादार है और मोदी ने ही जीसीएमएमएफ बोर्ड के राजनीतिक वातावरण में उनकी स्थिति को सुनिश्चित कर रखा था।
भाजपा के विपुल चौधरी सत्ता में आने के एक और प्रबल दावेदार लगते है।
कांग्रेस के कुछ लोग भी भाजपा के कुछ असंतुष्ट तत्व के साथ-साथ घटकर भी मोदी को परेशान करने की कोशिश कर सकते हैं।
दूध यूनियनों के अधिकांश अध्यक्ष कुछ दुविधा में हैं, ज्यादातर उम्मीदवार अपने लाभ का मूल्यांकन कर रहे है।