रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्रीकांत जेना ने संसद के निचले सदन में कहा कि यूरिया की आवश्यकता और घरेलू उत्पादन के बीच असमानता है जिसे आयात के जरिए पूरा किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि 2012-13 में देश 15 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग दस लाख टन यूरिया आयात करेगा।
सरकार द्वारा जारी जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2011-12 में 30.52 टन यूरिया की आवश्यकता थी जो कि अब 5 प्रतिशत बढ़कर 32.08 लाख टन यूरिया होने की संभावना है।
मंत्री ने कहा कि उर्वरक की बढ़ती लागत की खेती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, इसकी जाँच विशेषज्ञों द्वारा अभी तक नही हो पाई है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि हाल में देश में यूरिया के उपयोग में निरंतर वृद्धि होती रही है।