आरोप है कि महाराष्ट्र के भंडारा जिले में राष्ट्रीयकृत बैंक फसल ऋण पर किसानों से ब्याज चार्ज कर रहे हैं, जबकि सरकार के आदेशानुसार उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
इसके विपरित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक सख्ती से सरकारी आदेश का पालन कर रहा है और किसानों से किसी भी प्रकार का कोई चार्ज नहीं किया है।
सूत्रों का कहना है सहकारी बैंक सरकारी आदेश से बंधे है जबकि राष्ट्रीयकृत बैंक सरकार के निर्देशों की अनदेखी करके धोखा दे रहे हैं।
राष्ट्रीयकृत बैंक न केवल फसल ऋण पर ब्याज चार्ज कर रहे हैं, बल्कि किसानों को आसानी से गिरवी चीजें लौटा भी नहीं रहे है। यह सरकारी आदेश का खुल्लम खुला उल्लंघन है।
भंडारा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ने किसानों से एक रुपया भी चार्ज नहीं किया है। सूत्रों का दावा है कि बैंक का पिछले वर्ष के लिए सरकार पर 6 करोड़ रु. बाकी है नतीजतन उसे भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।