उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक केंद्र से चाहते है कि वह किसानों के लिए उर्वरक कंपनियों से 45 दिन का ऋण सुनिश्चित करें। उन्होने इस संबंध में केन्द्रीय सरकार को एक पत्र भेजा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थिति में उर्वरक की कमी के चलते लालची डीलरों द्वारा कृत्रिम उर्वरक का कृत्रिम अभाव बनाया जा रहा है ऐसे मे सहकारी संगठन एक बहुत ही उपयोगी भूमिका निभा सकते है। हालांकि, सरकार का यह आदेश की सहकारी संगठनों को फंड जुटाने के लिए केवल एक सप्ताह दिया जाना चाहिए से उड़ीसा में उर्वरक की आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, मुख्यमंत्री ने कहा।
मुख्यमंत्री के अनुसार उर्वरकों की कीमतों में विशेष रूप से फास्फेटिक और पोटाश वाले उर्वरक की कीमत में वृद्धि हुई है। कीमतों में भारी उतार चढ़ाव के कारण उड़ीसा के किसान गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा।
किसानों का बेईमान तत्वों द्वारा शोषण किया जा रहा है। केवल फास्फेटिक और पोटाश की ऊंची कीमतों की वजह से किसान यूरिया का अधिक उपयोग करने पर मजबूर हो रहे है जो मिट्टी के ऊपजाउपन को नष्ट करके फसल की उपज को कम कर सकता है, नवीन पटनायक ने कहा।
उस समय जब देश के पूर्वी राज्यों में उर्वरकों की खपत में वृद्धि के माध्यम से हरित क्रांति की तैयारी की जा रही हैं, हाल के घटनाक्रम ठीक नहीं है, मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की।