गुजरात परिवर्तन पार्टी (जीपीपी) गुजरात की राजनीति में एक नई पार्टी के गठन से त्रिकोणीय प्रतियोगिता का मामला उभर आया है। राज्य में भाजपा के वह तत्व जो कि नरेंद्र मोदी की बातों से इत्तेफाक नही रखते उनका एक संग्रह है, केशु भाई इसका नेतृत्व कर रहे है।
नई पार्टी के लिए बड़ौदा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादकों के संघ के निदेशक मंडल के चुनाव में नरेंद्र मोदी को लेने का निर्णय लिया है। पार्टी इस महीने आयोजित चुनाव में सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
बड़ौदा दूध संघ जो कि गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) अमूल के सदस्यों में से एक है। बनास डेयरी के एक और सदस्य जीसीएमएमएफ के पूर्व अध्यक्ष पार्थी भतोल के प्रतिनिधित्व में भी यह चुनाव लड़ा जा रहा है।
जानकारों का मानना है कि इस चुनाव को अब तक भाजपा और कांग्रेस द्वारा समर्थित समूहों के बीच ही माना जाता था लेकिन नई पार्टी को आने से चुनाव नतीजों पर प्रभाव पड़ेगा।
नई पार्टी ग्रामीण इलाकों में अपना आधार स्थापित करने के लिए डेयरी संगठन आगामी चुनावों को एक अवसर के रूप में देख रही है।
जीपीपी के उभरने से राज्य के राजनीतिक हलकों में बेचैनी है, परंतु दो मुख्य पार्टियों के लिए विकास तुच्छ प्रतीत होता है।
बड़ौदा दूध सहकारी संघ के एक वरिष्ठ स्रोत का कहना है कि यदि नई पार्टी परंपरागत व्यवस्था को बदल देती है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा ।