गुजरात सहकारी विपणन दुग्ध संघों (जीसीएमएमएफ) के विभिन्न दुग्ध संघों में चुनाव चल रहे हैं, लेकिन इस बार यह कुछ अलग है। एक नए खिलाड़ी केशु भाई की परिवर्तन पार्टी नरेंद्र मोदी के लिए सिरदर्द बने हुए है।
मोदी के शागिर्द और जीसीएमएमएफ के पूर्व अध्यक्ष पार्थी भतोल बनास दूध संघ से चुनाव लड़ रहे हैं। भारतीय सहकारिता ने भतोल से बात की और परिवर्तन पार्टी के बारे मे पूछा तो उन्होने इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले से ही 3 संघ के चुनाव में हमने जीत दर्ज कर ली है जहां हमारे उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए।
बनास डेयरी में 9 सितम्बर को होने वाले चुनाव के बारे में बात करते हुए भतोल ने कहा कि, “मेरी जीत 100 प्रतिशत निश्चित है। बनास दुग्ध संघ में भतोल भ्रष्टाचार के आरोपों से लबरेज हो गए थे।
“मतदाताओं को बनास डेयरी को सबसे तेजी से बढ़ रही इकाई बनाने दें और हमारे विरोधियों को पता नही मुझे अपने सदस्यों का कितना विश्वास प्राप्त है”, विश्वास के साथ भतोल ने भारतीय सहकारिता को बताया।
परंपरागत रूप से भाजपा और कांग्रेस इस चुनाव में प्रमुख खिलाड़ी थे लेकिन केशु भाई ने भी बहते पानी में हाथ धोने का फैसला किया है इससे पहले की वे नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयार हो। मोदी ने अधिकांश सीटों पर कब्जा करने में सफल रहे है और केशु भाई को कोई सफलता नही मिली है। जीसीएमएमएफ के रंग में बदलाव होगा या नहीं यह जल्द ही स्पष्ट हो जाएगा।