एनसीयुआई में प्रचार निदेशक मोहन मिश्रा एक ऐसे व्यक्ति है, जिन्हें दिल्ली के मीडिया हलकों में अच्छी तरह से जाना जाता है उन्हें एनसीसीटी चीफ के प्रतिष्ठित पद पर मनोनीत किया गया है।
यह पोस्ट पूर्व प्रमुख टी परमज्योति के लेक्चरार घोटाले में शामिल पाए जाने के बाद से लंबे समय से खाली पड़ी थी। इस घटना से एनसीयुआई की प्रतिष्ठा क्षतिग्रस्त हुई थी।
दो उम्मीदवार इस पद के लिए सूचीबद्ध थे और अंत में श्री मिश्रा को चयनित कर लिया गया, जिन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्ययन किया है।
श्री मिश्रा के पास सामान्य रूप में सहकारी समितियों और विशेष रुप से एनसीयुआई का काफी अनुभव है। एनसीयुआई के करीबी लोग कहते हैं कि मोहन मिश्रा सहकारी नेताओं के लिए भाषण लिखने और उन्हें सहकारी क्षेत्र के बारे में सूचित करने का कार्य करते थे।
सभी नेतागण विदेशी यात्रा पर उन्ही से अपने भाषण को तैयार करवाकर अंतरराष्ट्रीय सहकारी सम्मेलनों में भाग लेते थे।
हालांकि श्री मिश्रा को अपना पद छोड़ने के लिए पत्र एनसीयुआई द्वारा प्राप्त कर लिया गया है, एनसीयुआई इस मुद्दे पर उलझन में है, क्योंकि एनसीयुआई में मीडिया सेल में उनकी रिप्लेसमेंट संभव नही है।
निर्णय इसलिए भी अधिक कठिन है क्योंकि एनसीयुआई वैकुण्ठलाल मेहता स्मारक व्याख्यान, पूर्वी क्षेत्र में कॉपरेटिव कांफ्रेंस और अंतर्राष्ट्रीय सहकारी कांग्रेस और अंतर्राष्ट्रीय सहकारी वर्ष को लेकर काफी व्यस्त है।