महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) हमेशा मीडिया की सुर्खियों में बना रहता है। इस बार बॉम्बे हाई कोर्ट में धन से जुड़े घोटाले में एफआईआर के पंजीकरण की मांग के मामले में राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के बचाव को लेकर सुर्खियों में है।
एमएससीबी ने हाई कोर्ट को बताया है कि सस्ता प्रचार हासिल करने के लिए श्री अजीत पवार का नाम उल्लेख किया जा रहा है।
सतारा के श्री शंकराव भोसले ने विवादास्पद याचिका दायर की है।
श्री भोसले का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक के सलाह पर प्रशासकों के एक बोर्ड की नियुक्ति की गई थी, इसके बावजूद बोर्ड ने ऋण की वसूली के लिए कुछ भी नहीं किया है, इसलिए उन्होने अदालत से आग्रह किया है की कोर्ट ऋण लेने वालों पर आर्थिक अपराध शाखा के तहत आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का आदेश दे।
एमएससीबी ने अदालत को बताया है कि याचिकाकर्ता जो कि एक चीनी कारखाने के उपाध्यक्ष है ने बैंक से ऋण ले लिया है और वे ऋण का भुगतान नही करने के दोषी है। इसलिए याचिकाकर्ता केवल बैंक को ब्लैकमेल करके स्वयं की गलतियों को छिपा रहे है।
लेकिन याचिकाकर्ता का कहना है, श्री अजीत पवार के अनुयायियों और सहयोगियों ने बैंक से करोड़ रुपए का ऋण लाभ उठाया है और अब वे ऋण चुकाने के लिए तैयार नहीं हैं।
यह कोई रहस्य नहीं है कि पवार और उनके अनुयायी पिछले कुछ वर्षों से एमएससीबी के प्रबंधन में प्रभावशाली रहे है।