महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में समस्याओं का कारण कमजोर मानसून है। उदाहरण के लिए बीड जिले में 50 करोड़ रुपए का उर्वरक बेचा नहीं जा सका है।
राज्य सरकार के स्पष्ट निर्देश के बावजूद महाराष्ट्र राज्य सहकारी विपणन संघ और महाराष्ट्र एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन संचित उर्वरकों को बेचने में सक्षम नहीं है क्योंकि किसान खरीद नहीं रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि खरीदनेवालों की कमी ने उर्वरक दुकानों को उनके शटर नीचे करने के लिए मजबूर कर दिया है। हालांकि इन दुकानों ने पिछले वर्षों के दौरान बम्पर कारोबार किया था।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर एक प्रभावी सरकारी नेटवर्क हो तो सरप्लस क्षेत्र से उर्वरक घाटा क्षेत्र में ले जाया सकता है।