कृभको के अध्यक्ष श्री वी आर पटेल की अध्यक्षता में 20 सितम्बर, 2012 को समिति की 32वीं वार्षिक आमसभा की बैठक आयोजित की गई। नई दिल्ली स्थित एनसीयूआई आडिटोरियम में कृभको की वार्षिक आमसभा की बैठक में देश के विभिन्न भागों के सहकारी समितियों के 510 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कृभको ने अपने सदस्य शेयरधारकों के लिए निरन्तर आठवें वर्ष 20% की दर से लाभांश देने की घोषणा की।
कृषक भारती कोआपरेटिव लिमिटेड (कृभको), किसानों की एक अग्रणी यूरिया उत्पादक सहकारी समिति है जिसने वित्त वर्ष 2011-2012 के दौरान करपूर्व 192.16 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है। वर्ष 2011-12 के दौरान कृभको ने 14.33 लाख मी.टन यूरिया का उत्पादन किया।
श्री बी डी सिन्हा, प्रबंध निदेशक, कृभको ने वार्षिक आमसभा की बैठक में उपस्थित सम्मानित प्रतिनिधियों को बताया कि वर्ष के दौरान हजीरा संयंत्र का कार्यनिष्पादन अच्छा रहा । विपणन के क्षेत्र में समिति ने देशभर में एक सुदृढ़ नीतिगत योजना बनाई है और सभी शेयरधारकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर कृभको ने दो जाने-माने सहकार बंधुओं को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया। कर्नाटक की श्रीमती लीलादेवी आर प्रसाद को ‘सहकारिता शिरोमणी सम्मान’ और गुजरात के श्री विट्ठलभाई एच रडाडिया को ‘सहकारिता विभूषण सम्मान’ प्रदान किया गया। दोनों ही जाने-माने सहकारों ने राष्ट्रीय सहकारी आंदोलन के लिए कैटालिस्ट के रूप में कार्य किया है ।
श्रीमती लीलादेवी आर प्रसाद 1985 और 1994 में अथानी विधानसभा क्षेत्र से दो बार कर्नाटक विधानसभा के लिए विधायक चुनी गई। वे कर्नाटक सरकार में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री, सूचना राज्य मंत्री और लघु सिंचाई राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहीं। वे आईसीए की निर्वाचित सदस्य भी रहीं हैं और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है । उन्हें अपनी पुस्तक ‘माहिले मथु उलिथया’ (महिला व बचत) के लिए कन्नड़ साहित्य परिषद पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है ।
श्री विट्ठलभाई एच रडाडिया 2009 में गुजरात के पोरबंदर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए और वे विभिन्न कल्याणकारी कार्यों के कारण किसानों में बहुत लोकप्रिय हैं । वे 1990 में विधायक चुने गए और 2009 तक विधायक रहे । वे 1998 में गुजरात सरकार में केन्द्रीय मंत्री बने।श्री रडाडिया 1995 से राजकोट जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी हैं (उनके मार्गदर्शन में बैंक द्वारा किए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी कार्यों के कारण वे किसानों में बहुत लोकप्रिय हैं)। श्री रडाडिया अनेक शैक्षिक और सामाजिक संस्थानों से भी जुड़े हुए हैं।
वार्षिक आमसभा में आए कई प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों में कृषि क्षेत्र में आ रही परेशानियों से कृभको को अवगत कराया। गुजरात के कच्छ जिले से आए भरत ठक्कर ने कृभको से डीएपी में 8% से 10% तक की माँग की।
उत्तरप्रदेश के सीतापुर जिले से आए भरत त्रिपाठी ने कृभको से राज्य सलाहकार गठन की माँग की। इसके अलावा उन्होंने कार्यशाला आयोजन करने पर भी बल दिया। उनका कहना था कि उनके क्षेत्र में बाढ़ पीड़ित इलाको में केवल इफको के द्वारा ही मदद की जाती है कृभको को भी मदद के लिए आगे आना चाहिए।
उत्तरप्रदेश के ही हापुड़ से आए प्रतिनिधि जयवीर सिंह ने बजट में बदलाव लाने की बात की, वहीं उन्होंने कुछ खामियों के बारे में भी बताया, उन्होंने कहा नोएडा में मृदा परीक्षण की जाँच इस वर्ष कराएँ तो इसकी रिपोर्ट अगली फसल तक आती है इसके लिए कुछ करना चाहिए।
उत्तरप्रदेश के ही मेरठ जिले के कृष्णलाल जी का कहना है कि कृभको को अपने सदस्यों के भ्रमण कार्यों की व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए जिससे सदस्यों के कार्यविधि के ज्ञान में वृद्धि होगी।
राजस्थान के जयपुर जिले से आए खेमचंद यादव ने कृभको को रासायनिक खादों की बजाय जैविक खादों के प्रति अधिक लगाव पैदा करने की सलाह दी। इसके इलावा उन्होने पैक्स के मार्जिन को बढ़ाने की माँग की और उन्होने कृभको से ऑफ सीज़न में भी निवेश करने को कहा जिससे ऑफ सीज़न में भी स्टॉकिंग के जरिए उर्वरकों वितरण किया जा सकें।
इसके अलावा कई अन्य प्रतिनिधियों ने रासायनिक उर्वरकों के अधिक उपयोग से हो रहे प्रदूषण पर चिन्ता व्यक्त की। उनका कहना था कि कृभको को रासायनिक खाद की बजाय जैविक खाद या कम्पोस्ड खाद का उपयोग अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए।