नागपुर जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोपी अदालत में दोबारा पेशी के आदेश जारी किए जाने के बावजूद वे अदालत में पेश नहीं हुए। अभियुक्त अदालत में खुद को अनुपस्थित करते रहे हैं। मामला पिछले कई वर्षों से अदालत के समक्ष लंबित पड़ा है।
मामले में प्रमुख आरोपी सेयोनेर से कांग्रेस विधायक सुनील केदार है जिस पर 150 करोड़ के घोटाले का आरोप है। वह बेहद प्रभावशाली है, इसलिए वह गलत काम में लिप्त होने के बावजूद आसानी से बरी होने में सक्षम माना जाता है।
हाल ही में जब मामला अदालत के समक्ष आया तब श्री केदार खुद तो उपस्थित थे लेकिन अन्य आरोपी वही पुराने अविश्वसनीय टालमटोल कारणों का हवाला देते हुए अदालत से अनुपस्थिति रहे।
इस धोखाधड़ी की वजह से एनडीसीसीबी को अपना बैंकिंग लाइसेंस खोने के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। एनडीसीसीबी का घाटा खराब ऋण देने के कारण नहीं हैं। बैंक अपनी अचल संपत्ति की बिक्री करके भारतीय रिजर्व बैंक के मानदंडों को पूरा करने के लिए धन जुटाना चाहता था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।