एक बड़े काले धन का सहकारी बैंक से जुड़ा एक मामला प्रकाश में आया है। अगर मामले की जाँच नहीं की गई तो इसका परिणाम देश के लिए गंभीर हो सकता है।
ऐसा लग रहा है कि पैसों का इस्तेमाल ड्रग या आतंकवाद के लिए किया जा रहा है। मामले का विवरण खुफिया ब्यूरो से मीडिया के पास आया है।
मधु जैन जिसके ठिकाने का अभी तक कोई पता नही है, लखनऊ में मर्केंटाइल सहकारी बैंक में 72 लाख रुपये की राशि जमा की यह राशि अनगिनत खातों में डाली गई और फिर पैसे वापस भी निकाल लिए गए।
एक असाधारण चालाकी के साथ यह पूरा आपरेशन आयोजित किया गया। पूरे रैकेट में लगभग 8000 करोड़ रुपये शामिल हैं और यह कई वर्षों से किया जा रहा था।
आईबी के अनुसार अवैध रूप से जमा पैसे देश की बैंकिंग प्रणाली में घुस गए है। मर्केंटाइल बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक ने दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए 5 लाख रुपये का अर्थदण्ड लगाया है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी अधिकारियों ने हाल ही में बैंक में उच्च मूल्य लेनदेन की प्रक्रिया में पूरी तहकीकात नही करने के गंभीर खतरों के खिलाफ भारतीय समकक्षों को चेतावनी दी थी।
सूत्रों का कहना है देश की बैंकिंग प्रणाली ने अगर संदिग्ध लेनदेन की समय पर जाँच नहीं की तो इससे जोखिम बढ़ेगा। बैंकिंग निरीक्षण संस्थान इस मुद्दे को लेकर काफी चिंतित है, सूत्रों का दावा है।