राजधानी में सहकारी सुपर बाज़ार पिछले कई वर्षों से खराब हालत में है।
एक कंपनी जो इस सहकारी संगठन का देखरेख करती है, कर्मचारियों से ड्यूटी पर रिपोर्ट नही करने के लिए नोटिस जारी किया था।
हालांकि, सुपर बाजार कर्मचारी हितैषी संगठन जो कि एक मान्यता प्राप्त श्रमिक व्यापार संगठन है ने दिल्ली उच्च न्यायालय में नोटिस को चुनौती दी है।
कोर्ट ने नोटिस पर स्टे देकर सुपर बाज़ार प्रबंधन और सहकारी सोसायटी के रजिस्ट्रार को व्यापार संघ द्वारा बनाई गई दलील के संदर्भ में जवाब माँगा है।
व्यापार संघ द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि नोटिस को रद्द किया जाना चाहिए जिससे सहकारी कार्यकर्ताओं के जीवन और आजीविका की रक्षा की जा सके।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रबंधन कार्यकर्ताओं के साथ जोर जबरदस्ती कर रहा है और वह सहकारी समिति को पुनर्जीवित करने के लिए तैयार नहीं है।
मजदूरों के संगठन ने पहले इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया था। 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने सहकारिता को पुनर्जीवित करने के लिए एम/एस डब्ल्यू.पी. लिमिटेड के बिड को स्वीकार कर लिया था।