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एनसीयुआई: चन्द्र पाल के खिलाफ मामले को पुनर्जीवित करने के प्रयास जारी

एनसीयुआई के अध्यक्ष चन्द्र पाल सिंह का अपने चुनाव से संबंधित मामले का अदालत ने हाल ही में निपटान किया है। अब उसी मुद्दे को लेकर हिमकोफेड उनके खिलाफ कानूनी लड़ाई को जारी रखना चाहता  है।

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विकास फेडरेशन के निदेशक मंडल ने 12 अक्टूबर को अपनी बैठक में  प्रस्ताव संख्या 4 के तहत एनसीयुआई के अध्यक्ष चन्द्र पाल सिंह के खिलाफ मामले को दोबारा खोलने की मांग को पारित कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि राजेन्द्र शर्मा जिन्हें वकील श्री शकील एस वानी के माध्यम से हिमकोफेड को प्रतिनिधित्व करने के काम सौंपा गया था उन्होंने 3 अक्टूबर को धोखेबाज़ी से न्यायाधीश के सामने एक नए वकील के साथ मिलकर चन्द्र पाल सिंह के साथ समझौता कर लिया था।

प्रस्ताव में “बोर्ड ने श्री राजेन्द्र शर्मा की धोखाधड़ी के कार्रवाई को बहुत ही गंभीरता से लिया है, जिसने  निर्देशों और हिमकोफेड द्वारा दिए गए अधिकारों की उपेक्षा करने के साथ विश्वासघात करते हुए पाया गया।”

हिमकोफेड के बोर्ड की बैठक के प्रस्ताव में आगे इसके समाधान के लिए हिमकोफेड के अध्यक्ष श्री अजीत चौहान ने सुश्री इना मल्होत्रा, एडीजे, को पटियाला हाउस कोर्ट की अदालत में उचित अनुप्रयोगों के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किया है।

आरोपों को निराधार बताते हुए राजेन्द्र शर्मा ने भारतीय सहकारिता डॉट कॉम को बताया कि मामले में याचिकाकर्ता मैं था हिमकोफेड नहीं और यह मेरा अधिकार है कि मैं मामले को जारी रखना चाहता हूँ या नही। इस मामले में लड़ने का वहन भी मैंने किया था हिमकोफेड ने नही, श्री शर्मा ने कहा।

शर्मा कहते हैं, कि हिमकोफेड बोर्ड के प्रस्ताव के पीछे राजनीतिक जोड़तोड़ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा केवल नेतृत्व की आड़ में लोगों को ठगने के लिए होता है।

इस बीच चंडीगढ़ के आईसीएम के अध्यक्ष के रूप में राजेन्द्र शर्मा के द्वारा पदभार संभालने की भी खबर है, लेकिन निवर्तमान अध्यक्ष परमजीत सिंह धुनीका ने इस तरह की किसी भी बात से इनकार किया है। उन्होंने भारतीय सहकारिता डॉट कॉम से कहा है कि उन्हें अभी तक इस संबंध में कोई अधिसूचना प्राप्त नही हुई है।

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