दि वैश्य कॉपरेटिव कमर्शियल बैंक की 66वीं वार्षिक आम बैठक में बैंक के घाटे को लेकर सदस्यों के बीच भारी आक्रोश था। बैंक के कई सदस्यों ने कई मुद्दों पर बैंक प्रबंधन के खिलाफ आरबीआई व सीबीआई जाँच की माँग की।
बैंक के सदस्यों ने भारतीय सहकारिता डॉट कॉम को बताया कि बैंक को वर्ष 2011-12 में करीब 3.5 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, जिसमें बैंक का ग्रॉस लॉस 1.30 करोड़ और एनपीए अमाउंट 2.15 करोड़ रुपए शामिल है।
बैंक के सदस्य श्री सुनील ने बैंक के निदेशक श्री शैलेष कुमार गुप्ता पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने बैंक से कन्वेंस भत्ते के रुप में करीब 1.75 लाख रुपए लिए है, जिसकी आरसीएस द्वारा जाँच कराई जानी चाहिए।
श्री गुप्ता पर कई मामलों में एफआईआर पहले से ही दर्ज़ है, श्री सुनील ने कहा।
श्री सुनील के मुताबिक बैंक के सदस्य बैंक प्रबंधन के कार्यो से संतुष्ट नही है। दि वैश्य कॉपरेटिव कमर्शियल बैंक के एसेट्स की कीमत समय-समय पर घटती बढ़ती रहती है, श्री सुनील ने कहा। बैंक के एक अन्य सदस्य श्री अरुण का कहना है कि बैंक ने लोन गलत तरीके से बाँटे है जिसका खामियाजा बैंक को एनपीए के रुप में भुगतना पड़ रहा है।
इन सभी आरोपों को बैंक के चेयरमैन श्री मनमोहन गोयल ने निराधार बताया। उन्होंने कहा कि बैंक का घाटा एनपीए के कारण बड़ा है जिसकी रिकवरी के लिए तेज गति से प्रयास किए जा रहे है। यदि बैंक के सदस्य अनावश्यक प्रश्न करेंगे तो बैंक को चलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।