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किसानों को सहकारी समितियाँ बनानी चाहिए: सेन

अभिजीत सेन योजना आयोग के  सदस्य ने देश में किसानों से सहकारी समितियों में लामबंद होने की अपील की है, ताकि वे अनुकूल शर्तों पर अपने उत्पाद बेच सकते है।

कृषि क्षेत्र अमूल सहकारी मॉडल का अनुसरण कर कृषि विकास को तेज किया जा सकता है। खेतीहर जनसंख्या के पचास प्रतिशत  होने की वजह से छोटे किसान सहकारीकरण के जरिए आसानी से कृषि अर्थव्यवस्था को बदल सकते  है,श्री सेन ने राजधानी में वैश्विक एग्री कनेक्ट के उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए कहा।

श्री सेन ने मजबूती से कृषि विस्तार सेवाओं की वकालत की है ताकि किसानों को अत्याधुनिक तकनीकी का फायदा मिल सकें।  अभी भी खेती का मतलब होता है विनाशशील वस्तुएँ इसलिए कृषि मेंबड़े पैमाने पर निवेश करने की जरूरत है, श्री सेन ने कहा।

कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष श्री अशोक गुलाटी ने कहा कि खाद्यान्न कृषि के कुल मूल्य का मात्र 25 प्रतिशत  है। खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों की आवश्यकता है जिससे नकदी के रूप में उपज हो सकती है और किसानों को एक स्थिर और पर्याप्त आय मिल सकें, श्री गुलाटी ने कहा।

यस बैंक ने इस अवसर पर डेयरी, मत्स्य पालन, पशुओं, मुर्गीपालन और बागवानी पर एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में उन्होंने उनकी चुनौतियों, उनके बाजार संरचनाओं और उनके आगे के विकास के लिए एक खाका तैयार करने के लिए व्यावहारिक दृश्य प्रस्तुत किया।

दो दिवसीय ग्लोबल एग्री कनेक्ट  भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के साथ साझेदारी करके भारत के राष्ट्रीय कौशल फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया है।

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