मध्यप्रदेश सरकार राज्य में सहकारी क्षेत्र के लिए एक स्वतंत्र चुनाव एजेंसी उपलब्ध कराने के लिए विधानसभा के आगामी सत्र में एक संशोधन विधेयक रखेगी।
संशोधन में सहकारिता को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देना शामिल है।
पिछले साल दिसंबर में देश की संसद ने इस संबंध में एक संवैधानिक संशोधन पारित किया था। केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा था कि फ़रवरी 2013 से पहले अपने सहकारी अधिनियम में आवश्यक परिवर्तन के बारे में विचार कर लें।
केन्द्रीय सरकार द्वारा सहकारी अधिनियम में संशोधन उन राज्यों में यह स्वतः अस्तित्व में आ जाएगा, जहाँ फरवरी 2013 तक सहकारी अधिनियम में संशोधन नही किया गया है।
हालांकि, संशोधित अधिनियम का आनेवाले सहकारी चुनावों पर कोई असर नहीं होगा।