भारत के रिजर्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमोदन के बिना भुज मर्केंटाइल सहकारी बैंक (गुजरात) किसी भी ऋण का अनुदान नहीं करेगा। शहरी सहकारी बैंक भी किसी भी ऋण और अग्रिम का नवीनीकरण नहीं कर सकते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 02 अप्रैल 2012 को अपने आदेश में यह निश्चित करने को कहा है कि क्या करना है और क्या नही।
दिशा-निर्देशों की वैधता को 2 अप्रैल 2013 तक के लिए बढ़ाया गया है।
लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रत्येक जमाकर्ता को सत्तर हजार रुपए तक की राशि वापस लेने की अनुमति प्रदान की है। जहां भी ऐसे जमाकर्ता है वहाँ बैंक का दायित्व बनता है कि या तो उधारकर्ता या ज़मानत के रूप में राशि को उचित उधार खाते में पहले से ही समायोजित किया जा सकता है।
यह दिशानिर्देश 2 अप्रैल 2013 तक के लिए समीक्षा के अधीन होगा।