भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयुआई) ने बुधवार को वर्ल्ड पिस फाउंडेशन के साथ मिलकर अपने परिसर में अंतर्राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन आयोजित किया। सहकारी हलकों में वर्ल्ड पिस फाउंडेशन के क्रेडेंशियल्स के बारे में लोग अत्यधिकही उत्सुक दिख रहे है।
सम्मेलन में केवल पूर्व स्पीकर बलराम जाखड़ और वरिष्ठ सहकार्मी शिवाजी राव पाटिल की मौजूदगी उल्लेखनीय थी। यहां तक कि एनसीयुआई अध्यक्ष चन्द्रपाल सिंह यादव ने शहर में मौजूद होने के बावजूद सम्मेलन में शिरकत नही की।
संदीप मारवाह नोएडा में एक फिल्म स्टूडियो चलाते है। उनको ट्राफियां इकट्ठा करने का शौक है और उनका दफ्तर ट्रॉफियों से भरा है। भारतीय सहकारिता से बात करते हुए श्री मारवाह ने कहा कि उनके जीवन का उद्देश्य लोगों के लिए उपयोगी होना है इसलिए उन्होंने सोचा कि वह सहकारी आंदोलन को अब मदद करेंगे।
सहकारी नेता नाराज़ हैं उनके सहयोग से एनसीयुआई सम्मेलन आयोजित नही करना चाहती थी। केवल दिल्ली में ही 18 राष्ट्रीय स्तर के सहकारी महासंघ हैं।
भारतीय सहकारिता से बात करते हुए एनसीयुआई के मुख्य कार्यकारी डॉ. दिनेश ने मारवाह के साथ सहयोग के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि,”उन्होंने सफल सहकारी समितियों पर फिल्में बनाने का वादा किया है जिनका इस्तेमाल प्रशिक्षण के लिए किया जा सकता है।
आरोपों का खण्डन करते हुए डॉ. दिनेश ने कहा कि कई कॉपरेटर्स आंदोलन के बुनियादी सिद्धांतों का पालन नहीं कर रहे हैं।
लेकिन डॉ. दिनेश समारोह से एनसीयुआई अध्यक्ष की अनुपस्थिति की व्याख्या करने में विफल रहे। चन्द्र पाल सिंह को दूसरे सत्र में शामिल होना था।
यह अंतर्राष्ट्रीय सहकारी कांग्रेस वह नही है जिसकी योजना एनसीयुआई ने बनाई है, डॉ. दिनेश ने स्पष्ट किया। “हम भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी की सहकारी कांग्रेस में भाग लेने के बारे में सहमति का इंतजार कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि यह फरवरी-मार्च से पहले हो सकता है”, इस उम्मीद के साथ मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भारतीय सहकारिता को बताया।