राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक देश भर के सहकारी बैंकों को कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) प्रदान करेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्रामीण इलाकों में स्थित सभी सहकारी बैंकों को अगले साल मार्च से नवीनतम सीबीएस प्रणाली का संचालन करने को कहा है।
शीर्ष बैंक ने चेतावनी दी है कि अगर बैंक मार्च 2013 तक सीबीएस के साथ नहीं जुड़े तो वह उनके बैंकिंग लाइसेंस और सभी लेनदेन पर प्रतिबंध लगा देगा।
कई राज्यों में बैंक आर्थिक रूप से मजबूत नही है ऐसे में वह सीबीएस का वहन नहीं कर सकते हैं। नाबार्ड ने उन्हें सीबीएस के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के साथ मदद करने का फैसला किया है।
नाबार्ड के मुख्य प्रकाश बख्शी ने कहा कि ऐसी सहकारी बैंक जो कि सीबीएस को वहन करने में सक्षम नहीं हैं, नाबार्ड उन्हें हर संभव मदद देगा।
नाबार्ड ने पहले से ही सर्वर, डेटा और कोर बैंकिंग समाधान के लिए अनुरक्षण सॉफ्टवेयर सहित सभी आवश्यक तैयारी कर ली है।
जो बैंक नाबार्ड के जरिए कोर बैंकिंग मंच से जुड़े है नाबार्ड उन बैंकों से 25 हजार रुपये की मासिक राशि चार्ज करेगा इसलिए बैंकों को अपने तकनीकी स्टॉफ की आवश्यकता नहीं होगी।