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मंत्रालय एनसीयुआई पर ध्यान क्यों नहीं देता है?

शीर्ष सहकारी संस्था एनसीयुआई और केंद्रीय कृषि मंत्रालय के बीच ज्यादा अच्छे सम्बन्ध नहीं रहे हैं। एनसीयुआई की सरकार से शिकायत रही है कि उनको बाबुओं और मंत्रियों से उचित महत्व नहीं मिल रहा है, मंत्रालय को भी लगता है कि कई निर्णय लेने में एनसीयुआई उससे आवश्यक राय-मशवरा नही करती है।

इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि एनसीयुआई के अध्यक्ष चन्द्र पाल सिंह यादव ने राज्य सहकारिता मंत्री तारिक अनवर की अनदेखी की है। नव नियुक्त मंत्री और शरद पवार के अत्यंत करीबी ने पूसा परिसर में शुक्रवार को सहकारी प्रदर्शनी का दौरा किया। श्री यादव ने उनके साथ जाने से इनकार कर दिया और उनको सिरी फोर्ट रोड पर एनसीयुआई में अपने कार्यालय में बैठना ज्यादा अच्छा लगा।

दिलचस्प बात यह है कि अध्यक्ष श्री यादव ने मंत्री से दौरे के लिए निवेदन किया था लेकिन बाद में उन्होने  उन्हें अनदेखा करना बेहतर समझा। मंत्री को एनसीयुआई के जूनियर अधिकारियों के साथ छोड़ दिया गया क्योंकि मुख्य कार्यकारी डॉ. दिनेश विशाखापत्तनम में आधिकारिक दौरे पर गए हुए है।

यह दुख की बात है, कि यह युवा मंत्री जो सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाना चाहता है उसके साथ यह सब हो रहा है। वे सहकारी संगठनों द्वारा आयोजित सभी छोटे-बड़े समारोहों में शामिल हो रहे है। हाल ही में उन्होंने एक श्रम सहकारी पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए थे।

नाराज मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि कई सहकारी नेता हर छोटे या बड़े समारोह में विदेश जाने का कोई मौका गँवाते नहीं है। मंत्रालय ने एक नया फार्मूला सहकारी नेताओं के विदेशी पर्यटन पर अंकुश लगाने पर काम कर रहा है, नाम न छापने की शर्त पर मंत्रालय के गुप्त स्रोत ने बताया।

पाठकों को याद होगा कि इफको से लेकर अमूल तक कई सहकारी समितियाँ आईसीएआर पूसा में आयोजित एक व्यापार शो में जिसकी थीम फार्म टू फोर्क हैं, में भाग ले रहे है। मंत्री तारिक अनवर को गुरुवार को समारोह का उद्घाटन करना था लेकिन किसी जरूरी काम होने के कारण वह इसमें शामिल नहीं हो सके थे।

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