सरकार चीनी के लेवी मूल्य में 22 रु. प्रति किलो की वृद्धि को लेकर सोच रही है। पिछले साल की कीमत 19.4 रुपए थी।
एक सरकारी सूत्र का कहना है कि अगर वित्त मंत्रालय से प्रस्ताव को हरी झंडी मिली तो लेवी मूल्य में वृद्धि से 400-500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी होगी।
लेवी मूल्य उचित और लाभकारी मूल्य पर आधारित है और यह 170 रुपये प्रति क्विंटल होगी। जबकि लेवी कीमत हर साल बढ़ जाती है, जहाँ खुदरा मूल्य में कोई वृद्धि नही हुई है, ऐसा सरकार के अधिकारियों का दावा है।
यह उल्लेखनीय है कि चीनी क्षेत्र पर सरकार के नियंत्रण के तहत सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जरूरतों के लिए चीनी उत्पादन का 10 प्रतिशत हिस्से लेती है।
सूत्रों का कहना है कि घरेलू मांग को कवर करने के लिए चीनी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगी। उम्मीद है कि चीनी का उत्पादन इस साल 23 लाख टन होगा जो कि देश की जरूरत से अधिक है, सूत्रों ने कहा।