महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में काम कर रहे विभिन्न सहकारी निकायों के चुनाव कराने के लिए एक अलग चुनाव प्राधिकरण की स्थापना के बारे में फैसला ले लिया है।
कोई पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह को तीन से पांच साल के लिए चुनाव प्राधिकरण का हेड बनाया जा सकता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अभी तक चुनाव आयुक्त के रूप में किसी का नाम की घोषणा नही की गई है।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि, सरकार सहकारी क्षेत्र में सुधारों के लिए 97वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम के अनुसार पुनर्गठन के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव आयोग की स्थापना से महाराष्ट्र में सहकारी क्षेत्र में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा मिलेगा।