शुक्रवार को हुई इफको के बोर्ड की बैठक इसके एक निदेशक श्री जीएन सक्सेना के लिए भाग्यशाली साबित हुई जिसमें उन्हें दो साल का एक्सटेंशन मिल गया। इफको के प्रबंध निदेशक यू.एस.अवस्थी उनके सामने दो साल के लिए और अपनी सेवाएँ देने का प्रस्ताव रखा था।
बोर्ड ने बिना किसी हिचक के उनके सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी। श्री सक्सेना जो फरवरी के अंत तक रिटायर होने वाले थे अब मार्च 2015 तक काम करते रहेंगे।
डॉ.सक्सेना ने मुस्कुराते हुए भारतीय सहकारिता को सूचित किया कि वह बोर्ड के विश्वास की कसौटी पर खरे उतरने की पूरी कोशिश करेंगे।
डॉ.सक्सेना सहकारी संबंध और इफको सहकारी विकास के निदेशक है। भारतीय सहकारिता से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है। इफको के इतिहास का अनुरेखण करते हुए उन्होंने कहा कि इफको को सबसे बड़ी सहकारी संस्था होने का दावा किया जाता है उसका कारण इफको बोर्ड है जिसने शुरुआत से ही सहकारिता के विकास पर ध्यान दिया है।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सहकारी संबंधों के विकास में सक्रिय होने का वचन दिया और आईसीए में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की बात कही।