सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की कार्यकारी समिति के सदस्यों के लिए व्यस्त दिन था, उनमें से कुछ लोगों को उपनियम मसौदा समिति की बैठकों में भी भाग लेना पड़ा। इस समिति की आज पहली बैठक थी।
30 से अधिक शीर्षक थे जिस पर समिति ने मंथन किया। हालांकि समय की कमी के कारण पूरी सूची पर विचार नही किया जा सका। अधिकांश मुद्दों पर सभी की सर्वानुमति उभरी है।
अध्यक्ष की शक्ति को कम करने के मुद्दे को इस रूप में नहीं लिया जाना चाहिए कि यह कोई शक्ति संतुलन बनाए रखने की कवायद है। पाठकों को याद होगा कि मंत्रालय के आग्रह पर चन्द्रपाल सिंह यादव ने कार्यकारी अध्यक्ष में निहित शक्तियों को सौंपने का वचन पत्र लिखा था। जिसके परिणामस्वरूप कृषि मंत्रालय ने एनसीयुआई का वित्तपोषण शुरू किया।
नाम न छापने की शर्त पर मसौदा समिति के सदस्यों में से एक ने कहा कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी की वित्तीय शक्ति को बढ़ाना होगा। इसके अलावा मुख्य कार्यकारी अधिकारी और न कि अध्यक्ष डीपीसी की भविष्य में अध्यक्षता करेंगे।
संघ की शासी परिषद में बढ़ रही प्रतिनिधित्व करने के दूसरे मुद्दे भी संबंधित है जिसमें राज्यों के सहकारी संघ हाऊस के नौ सदस्य है जो कि दस होने की संभावना है।
बैठक में शामिल इन मामलों को अगली बैठक में ले जाया जाएगा, जिसके लिए तारीख अभी तय की जाएगी।
उपनियमों मसौदा समिति जीएच अमीन की अध्यक्षता में गठित की गई है। इसके सदस्यों में बिजेन्दर सिंह, नेफेड अध्यक्ष, वी.आर.पटेल, अध्यक्ष कृभको, मुदित वर्मा और मुख्य कार्यकारी डॉ. दिनेश शामिल है।