मंगलवार को एनसीयुआई, नई दिल्ली में सहकारी शिक्षा पर राज्य सहकारी संघों के कार्यकारी प्रबंध निदेशकों का राष्ट्रीय सम्मेलन में डॉ. चंद्रपाल यादव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि एनसीयुआई सहित कई कॉपरेटिव सोसायटी की आर्थिक स्थिति जर्जर हो गई है, भारत सरकार के बजट में भी सहकारिता का नाम तक नही आया यह दुर्भाग्यपूर्ण है, श्री यादव ने कहा।
श्री यादव ने कहा कि सहकारी आंदोलन से जुड़े लोगों के अलावा कोई इसे गंभीरता से नही ले रहा है। हम हमेशा अच्छी ट्रेनिंग और सहकारी शिक्षा देने की बात करते है लेकिन यह तभी संभव है जब सहकारिता के लिए कोई फंड दिया जाएगा, श्री यादव ने कहा।
श्री यादव ने यह भी कहा कि भारत सरकार के माध्यम से पहले शिक्षा के लिए फंड दिया जाता था लेकिन बैधनाथ कमेटी के कारण वह भी बंद कर दिया गया।
अपने भाषण में श्री यादव ने 97वें संशोधन को सहकारिता के लिए वरदान बताया उन्होंने कहा कि इससे सहकारिता नए आयाम को छुएगा।
कार्यक्रम में श्री दिलीप सिंह, एडिशनल सेक्रेटरी/आईएएस, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। उनके अलावा कार्यक्रम में एनसीयुआई अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल यादव, एनसीयुआई कार्यकारी अधिकारी डॉ. दिनेश, एनसीयुआई निदेशक श्री मोहन मिश्रा, और एनसीसीई निदेशक डॉ. गुलाब सिंह आजाद उपस्थित थे।
इससे पहले श्री दिलीप सिंह ने अपने उद्बोधन में सहकारी शिक्षा पर जोर देते हुए उसके कंटेंट को समय के साथ बदलने की बात कही। श्री सिंह ने कहा कि कई बड़ी सहकारी समितियों के अलावा सहकारिता में पेशावर काम करने के तरीके का अभाव है।
कई राज्यों के कॉपरेटिव सोसायटी से आए कार्यकारी प्रबंध निदेशकों की उपस्थिति महत्वपूर्ण थी।