खुफिया रिपोर्ट है कि भारतीय मर्केन्टाइल सहकारी बैंक सहित कई सहकारी बैंक बड़े पैमाने पर काले धन को वैध बनाने की गतिविधियों में लिप्त है।
इस रहस्य का पता चलने के बाद सरकार ने मजबूती से प्रतिक्रिया शुरू कर दी है और इस मामले की जांच के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समूह बनाने पर विचार कर रही है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार सहकारी बैंक वर्तमान नियमों और विनियमों के तहत अंतराल और निर्बलताओं का लाभ उठाते रहे हैं लेकिन कानूनों में कमी को जल्द ही दूर किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि देश में करीब 5 सौ सहकारी बैंक शामिल हैं और उन सभी पर नज़र रखी जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि अकेले उत्तर प्रदेश में काले धन का हजारों करोड़ों रुपए को भारतीय मर्केंटाइल बैंक के माध्यम से सफेद बनाया गया है।