एनसीयुआई के दिल्ली स्थित सभागार में प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान परियोजना कर्मियों ने वेतन को लेकर जोरदार हंगामा किया। कर्मचारियों का कहना है कि उनको कई सालों से वेतन नही दिया गया है।
एनसीयुआई फील्ड परियोजना के सचिव श्री सत्यवीर सिंह ने भारतीय सहकारिता डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि कृषि मंत्रालय के सहयोग से चलाए जाने वाले एनसीयुआई के फील्ड प्रोजेक्ट के कार्य में करीब 186 कर्मचारी कार्यरत है, जिसमें नियमित वेतनमान पर कार्य करने वाले 83 कर्मचारी और बाकी अनुबंध के तहत कार्य करने वाले कर्मचारी थे, लेकिन 4 मई 2006 को मनमाने ढंग से नोटिस जारी करके सभी को अनुबंध के तहत कर दिया गया, श्री सिंह ने कहा।
श्री सिंह ने बताया कि तब से लेकर अब तक वेतनमान में कोई बढ़ोत्तरी नही की गई है, इसके खिलाफ यदि कोई आवाज़ उठाता है तो उसका ट्रांसफर कर दिया जाता है, श्री सिंह ने कहा।
श्री सिंह ने कहा कि एनसीयुआई से हमने छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन दिए जाने की माँग की है यदि एनसीयुआई की माली हालत ठीक नही है तो हमें पाँचवें वेतन आयोग के अनुसार मार्च तक की पूरी रकम दिए जाने की बात लिखित में दी जाए, श्री सिंह ने कहा।
परियोजना कर्मियों में से एक ने कहा कि कृषि मंत्रालय की तरफ से एनसीयुआई को दिए जाने वाले फंड की पहली किश्त एनसीयुआई को मिल चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि इस फंड को न तो अब तक परियोजना कर्मियों को दिया गया है और न ही इस फंड का ब्यौरा मंत्रालय को दिया गया है जिसके कारण मंत्रालय ने फंड की दूसरी किश्त को रोक दिया है।
पाठकों को याद होगा कि भारतीय सहकारिता डॉट कॉम ने एनसीयुआई द्वारा फील्ड परियोजना कर्मियों के वेतन में 60 प्रतिशत की वृद्धि की खबर प्रकाशित की थी। जब कर्मियों ने इस बात की पुष्टि एनसीयुआई के कार्यकारी अधिकारी डॉ. दिनेश से करना चाही तो उन्होंने इस संदर्भ में कोई जवाब नही दिया।
एनसीयुआई के गवर्निंग काउंसिल के अधिकारियों में से जी एच अमीन, मुदित वर्मा और कार्यकारी अधिकारी डॉ. दिनेश ने मार्च-अप्रैल तक वेतनमान से जुड़ी समस्याओं का निराकरण करते हुए 70 प्रतिशत वेतन देने का आश्वासन दिया है।