हिमाचल की अदालत ने प्रसिद्ध मंडी अर्बन बैंक घोटाले में अध्यक्ष सहित पाँच निर्देशकों को दोषी पाया है।
दोषियों को 4 साल का कठोर कारावास और प्रत्येक को दो लाख रुपए की सजा दी गई है। उनकों आपराधिक षड्यंत्र रचने का दोषी पाया गया है।
निर्णय अदालत के एक खचाखच भरे कमरे में दिया गया। बैंक की अनियमितताएँ 2004 में प्रकाश में आई थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के कामकाज पर प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि बैंक की एनपीए असामान्य रूप से भर गई थी।
घोटाले ने गंभीर रुप से बैंक के जमाकर्ताओं को प्रभावित किया था।