क्रेडिट सहकारी समितियों पर अवैध गतिविधियों के माध्यम से प्राप्त धन को वैध कारोबार में शामिल होने का शक व्यक्त किया जा रहा है। इस समय जब इन गतिविधियों का अनुपात बढ़ा है,तब भारतीय रिजर्व बैंक ने उनके लिए कुछ नए दिशा निर्देशों को बनाने का सोचा है।
बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन से क्रेडिट सहकारी समितियाँ केंद्रीय बैंक के करीबी जाँच के अंदर होगा और उन्हें काले धन के वैध मानदंडों का पालन करना होगा और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी साझा करना होगी।
हाल ही में पता चला है कि असामाजिक तत्वों द्वारा सहकारी समितियों का काले धन को सफेद करने के लिए इस्तेमान हो रहा है इसलिए रिजर्व बैंक ने उनको नए नियमों के तहत डालना चाहता है।