कृषि मंत्री शरद पवार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार इफको के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में दक्षिण दिल्ली में एमडी और उनके डिप्टी को उपहार में घर देने से छिड़े विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।
मंत्री ने कहा कि सहकारी अधिनियम 97वें संवैधानिक संशोधन सहकारी समितियों के मामलों में हस्तक्षेप करना सरकार के लिए असंभव बना देता है। पवार ने कहा कि सहकारी समितियाँ अपने मामलों को जिस तरह से चाहे उस तरह से प्रबंधित करने के लिए स्वतंत्र हैं।
सूत्रों का कहना है कि मंत्री की यह प्रतिक्रिया विशेष रुप से महत्वपूर्ण है क्यों कि यह तब आई है जब उर्वरक विभाग इफको और कृभको को सीवीसी के पर्यवेक्षण के अंतर्गत लाना चाहता है।
सामान्य अभिस्वीकृति है कि इफको एक सहकारी संगठन है जो कि प्रबंधन के लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर कार्य करता है। यह लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित हजारों सहकारी सोसायटी के बल पर निर्मित है।
उपहार में घरों को देने का निर्णय न केवल इफको बोर्ड द्वारा लिया गया निर्णय है बल्कि यह सहकारी के उच्चतम बॉडी एजीएम के द्वारा भी अनुमोदित है।