बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने नीतीश सरकार को बिहार पैक्स में महिलाओं के लिए पचास प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने राज्य सरकार को इस मुद्दे पर अदालत में खींचने की कसम खाई है।
भारतीय सहकारिता डॉट कॉम से बिस्कोमॉन के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार सिंह ने बात करते हुए कहा कि सरकार को तानाशाही निर्णय को वापस लेने के लिए बाध्य किया जाएगा जिसके के विरोध में अदालत में याचिका दायर करने की योजना है।
सरकार का न तो सहकारी समितियों और न ही महिलाओं की मदद करने का कोई लक्ष्य है। यह स्पष्ट रुप से वोट बैंक की राजनीति में आसन्न लोकसभा चुनाव के पहले लिप्त है, श्री सिंह ने कहा। इससे पहले बिहार के 101वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि सहकारी समितियों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।
राज्य सरकार जल्द ही बिहार सहकारी समितियां अधिनियम में संशोधन के लिए राज्य विधानसभा में एक विधेयक लाएगी। संशोधित अधिनियम से आने वाले दिनों में सहकारी क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति सुढृढ़ हो जाएगी, मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी।
वामपंथी दृष्टिकोण का इजहार करते हुए बिस्कोमॉन के अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं की जगह घर की चार दीवारी के भीतर है और उनका काम चपाती बनाना है। श्री सिंह ने कहा कि पहले पंचायत में और अब पैक्स में सरकार केवल महिलाओं के वोट कमाकर सत्ता में बने रहना चाहती है।
सुनील सिंह को बिहार में वर्तमान सरकार के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का समर्थन हासिल है। बिस्कोमॉन अध्यक्ष ने सहकारी चुनाव जीतकर अपनी पुरानी स्थिति को फिर से हासिल कर लिया है।