आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत के योजना आयोग को 2020-2021 तक दूध और विभिन्न दूध उत्पादों के लिए देश में 170.20 लाख टन घरेलू मांग का अनुमान है।
सूत्रों का दावा है, कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अगले साल दूध के उत्पादन में काफी इजाफा होगा।
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री चरण दास महंत ने लोकसभा में कहा कि सरकार दुग्ध उत्पादों के निर्यात पर कोई सब्सिडी नहीं देती है।
मंत्री ने सदन में बताया कि सरकार देश में दूध सहकारी समितियों के माध्यम से गांव से दूध की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे है। सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के तहत डेयरी सहकारी समितियों को वित्तीय मदद प्रदान कर रही है, मंत्री ने कहा।
सूत्रों का कहना है कि हजारों दूध सहकारी इकाईयों को पहले से ही देश के विभिन्न भागों में सघन डेयरी विकास कार्यक्रम के तहत स्थापित किया गया है।